7 September 2015

7वां वेतन आयोग

15-20 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सिफारिश करेगा 7वां वेतन आयोग!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तहत आने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की ओर से बड़ा तोहफा मिलने के आसार कम हैं। कुछ अपुष्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक 15-20 फीसदी वेतन वृद्घि की सिफारिश की जा सकती है, जबकि न्यूनतम मूल वेतन बढ़ाकर 15,000 रुपए किए जाने के आसार हैं।

सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन होना है। सूत्रों के मुताबिक वेतन आयोग सिफारिशों को अंतिम रूप देने में जुटा है। अगले दो महीनों में आयोग अपनी रिपोर्ट सौंप देगा।

रिर्पोर्ट्स के मुताबिक सातवें वेतन आयोग का मानना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों के वेतन में हुई शानदार बढ़ोतरी के बाद अब वैसी वृद्घि की गुंजाइश नहीं है।

वेतन आयोग एक महत्वपूर्ण सिफारिश यह करने जा रहा है। आयोग चाहता है कि सरकारी कर्मचारियों का अधिकतम सेवाकाल 33 साल तय किया जाए। इसका मतलब यह होगा कि यदि कोई कर्मचारी 20 साल में सरकारी नौकरी शुरू करता है तो वह 53 साल की उम्र में रिटायर हो जाएगा। बाकी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्त की आयु 60 साल ही रहेगी।

संभावना जताई जा रही है कि 7वां वेतन आयोग न्यूनतम मूल वेतन 15 हजार रुपए करने की सिफारिश करेगा। ऐसा करने से निचले स्तर के कर्मचारियों को फायदा होगा। पिछले वेतन आयोग ने न्यूनतम मूल वेतन को 3,050 रुपए बढ़ाकर 7,730 रुपए कर दिया था।

ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी डीबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अनुसार सातवें वेतन आयोग का ज्यादातर बोझ अगले वित्त वर्ष (2016-17) के बजट में उठाया जाएगा। डीबीएस का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में 16 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है।