13 September 2015

SUVICHAR -1


रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो
तो भी एक अच्छा जूता पहनकर
उस पर चला जा सकता है..

लेकिन यदि एक अच्छे जूते
के अंदर एक भी कंकड़ हो तो
एक अच्छी सड़क पर भी
कुछ कदम भी चलना मुश्किल है ।।

यानी -
"बाहर की चुनोतियों से नहीं
हम अपनी अंदर की कमजोरियों
से हारते हैं "