4 June 2016

*प्राकृतिक सम्पदा बचाओ अपना कल सुरक्षित करो*

*एक बकरी के पीछे शिकारी कुत्ते दौड़े। बकरी जान बचाकर अंगूरों की झाड़ी में घुस गयी*।
*कुत्ते आगे निकल गए*।
*बकरी ने निश्चिंतापूर्वक अँगूर की बेले खानी शुरु कर दी और जमीन से *लेकर अपनी गर्दन पहुचे उतनी दूरी तक के सारे पत्ते खा लिए*।
*पत्ते झाड़ी में नहीं रहे*।
*छिपने का सहारा समाप्त् हो जाने पर कुत्तो ने उसे देख लिया और मार डाला* !!
*सहारा देने वाले को जो नष्ट करता है , उसकी ऐसी ही दुर्गति होती है*।

*मनुष्य भी आज सहारा देने वालीं जीवनदायिनी नदियां, पेड़ पौधो, जानवर, गाय, पर्वतो आदि को नुकसान पंहुचा रहा है और इन सभी का परिणाम भी अनेक आपदाओ के रूप में भोग रहा है*।

*प्राकृतिक सम्पदा बचाओ*
*अपना कल सुरक्षित करो*