19 March 2018

मगर क्या करता वह उस फरमान के आगे बेबस था .

स्कूल में सब खुश थे

क्योंकि सारे बच्चे पास थे

जो आये, वो पास

जो नहीं आये, वो भी पास

जिसने परीक्षा दी, वो पास

जिन्होंने नहीं दी, वो भी पास

सब खुश

बस दुखी था, तो वह अध्यापक जो इनकी इस खोखली नींव से भविष्य में होने वाले पतन को देख रहा था

मगर क्या करता वह उस फरमान के आगे बेबस था ....थाप लगाने, हाथ रखने तक का अधिकार छीन लिया हर कुम्हार से...!!

फिर कहते हैं, हमे बर्तन साफ, सुथरे, मजबूत और अच्छे चाहिये...!!

*"समस्त  शिक्षकों को समर्पित !!"*